असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

 

जो  अमृत  है  ओ  ज़हर  कैसे  हो
तेरे  बिन  जिंदगी  बसर  कैसे  हो।

ख़्वाबों के अपने  सलीक़े अलग  हैं
उजालों में  इनका  असर कैसे  हो।

इंसानियत  प्रकृति  की  गोद  में  हो
वहां  कुदरत   का   कहर  कैसे  हो।

घरों की पहचान बाप के नाम  से हो
वह  जगह   कोई   शहर   कैसे  हो।

पीने  के  योग्य  भी  न  रह  गया  हो
वह  जल स्रोत  कोई  नहर  कैसे  हो।

खुदगर्ज़ी की बांध से जो बंध गया हो
उस सागर में फिर कोई लहर कैसे हो।

ढल  गया  हो  दिन  हवस की दौड़ में
फिर उसमें सांझ या दो पहर कैसे हो।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

उनका भी इक ख्वाब हैं।