असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

उनका भी इक ख्वाब हैं।



 उनका भी इक ख्वाब हैं

ख्वाब कोई देखूं मैं

उनसे उन्ही की तरह

लच्छेदार बात फेकूं मैं।


टिकाया है जिस तरह

सर और के कंधे पर

चाहती है सर अपना

किसी और कांधे टेकूं मैं।


शौक था नये नजारों का

यूँ तो सदा ही देखि ओ

चाहत है उसकी कि 

कहीं और नयन सेकूं मैं।


दिल से उसे निकाल कर

बचा हूँ कितना खुद में

वक्त मिले गर खुदा, तो 

खुद को खुद से देखूं मैं।


समझदारी प्यार को

भी व्यापार बनाती है

प्रेम मिले भी अगर

शिशु की भांति देखूं मैं।

बेशक़ तेरे चाहने वालों

की भीड़ बहुत भारी है

गर दिल से उतर गयी

तो लानत है मेरे व्यक्तित्व पर

जो इक बार पलट कर देखूं मैं।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।