किसी का टाइम पास मत बना देना।

Image
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

बारिस आकर तू ,चांदनी न बेकार कर ||

पतझड़ न परेशान कर
गिर रहे हैं एक-एक कर
पत्तों की बेबसी पर
अब न विचार कर |
उम्र की न सीमा है
टूट कर न जीना है ,
छोड़ साख को
अब न सलाम कर |
घना अँधेरा भी है
चाँद का पहेरा भी है,
बारिश आकर तू
चांदनी न बेकार कर||
महंगाई का दौर है
समेट चाहत को ले,
खड़े बाजार में होकर
बेवजह न भाव कर |
क्यों दुशमनी निभाने लगे
वादा दोस्ती का कर ,
खंजर सीने में उतार दे
अब न पीछे से वार कर ||
प्रेम स्वाद के कई ,
चख कर ऐतबार कर |
खुद से है तो सही
औरों से , तो और सही ,
समभाल कर रख इसे
सरेआम न बदनाम कर ||
       रामानुज ‘दरिया

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।