सारे शहर में हंगामा हो गया |

        ग़ज़ल
आज़ देखने की तमन्ना क्या हुयी
सारे शहर में हंगामा हो गया |

गलियों से उनके गुज़रे ही थे
दुश्मन-ए- सारा ज़माना हो गया |

जी भर के उसे देखा जो हमने
अपना दिला भी बेगाना हो गया |

कुछ लम्हे थे  प्यारी बातों से
सारा शहर उसका दीवाना हो गया |

कसमें खायी थी संग रहने की
दिल मेरा ,उसका ठिकाना हो गया |

मदहोश सी बोली यूं रोज़ मिला करेंगे
बहाना –ए –अंदाज़ कातिलाना हो गया |

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।