खुशियों की खुशबू दर्द का चुभन
गम सी जिंदगी,प्यारा अहसास हो तुम
लड़की नहीं, लड़कों की शान हो तुम।।
दर्द सह के प्रसन्न रहती
भूखे रहके सबका पेट भरती
दानी नहीं ,दानवीर का सम्मान हो तुम
लड़की नहीं लड़को की शान हो तुम।।
पूजा की थाली चाय की प्याली
संस्कार की जाली विस्तर की गाली
मोम सी मुलायम पत्थर की चट्टान हो तुम।।
लड़की नहीं लड़को की शान हो तुम।।
बचपन सुहाया चलना सिखाया
अधरों का संगम कर बोलना बताया
माँ नहीं ममता की अवतार हो तुम
लड़की नहीं लड़को की शान हो तुम।।
कंपकंपी सी ठंढ गर्मी का पसीना
उदास पतझड़ बसन्ती महीना
बदली नहीं बिन मौसम बरसात हो तुम
लड़की नहीं लड़को की शान हो तुम।।
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