असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

चाहत थी कि रोंक लूँ उसे।।

चाहत थी कि रोंक लूँ उसे
पर तेवर ने झुकने न दिया।

जाना तो चाहती न थी
पर अहम ने रुकने न दिया।

एक ही दौलत थी मुस्कुराने की
बेबसी ने जिसे चुनने न दिया।

झूठी तारीफें तो खूब सुनी
सच को कानों ने सुनने न दिया।

कसर न रही तुझे भुलाने में
पर यादों ने मुझे उबरने न दिया।

तलाश थी जिस मंजिल की मुझे
उधर से किस्मत ने गुजरने न दिया।

हौंसले जब भी फ़ौलादी बने
अपनों ने मैदान में उतरने न दिया ।

बैठती तो थी आईने के सामने
बिरह ने कभी संवरने न दिया।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।