आख़िर बात क्या है पापा हमें कुछ बताते क्यूं नहीं हो। Happy Father's Day

हरदम -हरदम कहते हो
पर  आते कभी नहीं हो
आख़िर बात क्या है पापा
हमें कुछ बताते क्यूं नहीं हो।

जब देखो तब रोती रहती हैं
बैठ कर कहीं किसी कोने में
इतना  क्यूं  रूठे  हो  पापा
चुप मम्मी को कराते क्यूं नहीं हो।

डांटती  भी   नहीं   है
गलती पर मारती भी नहीं है
अब  आप  चले आओ पापा
मम्मी पास सुलाती भी नहीं हैं।

बाबू का बैग फट गया है
मेरी चप्पल भी टूट गयी है
अब हम स्कूल जाते नहीं पापा
इस हाल से उबारते क्यूं नहीं हो।

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