असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

नयना तुम्हारे।

टूट  कर  बिखरने   लगता हूँ
संभालते   हैं  कंगना  तुम्हारे
पी लून  मैं  कितना भी सनम
प्यास बुझाते हैं नयना तुम्हारे।

रूठ    कर  चल    देता     हूँ
बुला  लेते  हैं अरमां  तुम्हारे
गिर जांऊ किसी की नजर में
उठा  लेते   हैं  नयना   तुम्हारे।

सागर   की   बात  क्या  करूँ
'दरिया'  हैं   सावन  के सहारे
डूबी  नहीं   हैं  कस्तियां  वहां
जहां  केंवट  हों नयना तुम्हारे।

यूं  तो  भंवरे   होँसियार बहुत हैं
चूस लिए हैं रस यौवन के सारे
पर   बच   न सके आज तलक
तीर चलाये हों जब नयना तुम्हारे।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।