जहां पेशाब करना मना है
वहीं करते मूत्र निकासी हैं
हम उस देश के वासी हैं।
गरीबी से तड़पता बचपन जहां
चुपड़ के मिलती रोटी बासी है
हम उस देश के वासी हैं।
खिलाफ़ भ्र्ष्टाचार के आंदोलन होता
लिप्त अधिकारी और चपरासी हैं
हम उस देश के वासी हैं।
कट्टा दौलत पर राजनीति टिकी
शामिल भै या बबुआ चाची हैं
हम उस देश के वासी हैं।
नशेड़ी 'कबीर खान' तांडव करती
सुपर 30 जैसी फ्लॉप हो जाती है
हम उस देश के वासी हैं।
मानवता जहां चरण चूमती
दिन दहाड़े इज़्ज़त लुट जाती है
हम उस देश के वासी हैं।
किस्मत महलों में राज करती
जहां टैलेंट हालात की दासी है
हम उस देश के वासी हैं।
विकास के नाम पे चीर हरण होता
जहां घर की तुलसी कट जाती है
हम उस देश के वासी हैं।
अपराधी जहां खुल्ला घूमते
बेकसूर चढ़ जाते फांसी हैं
हम उस देश के वासी हैं।
आंखों में प्यार का समंदर दिखता
दिल की 'दरिया' रह जाती प्यासी है
हम उस देश के वासी हैं।
असली रावण घर - घर बैठा
नकली काया रावण की जल जाती है
हम उस देश के वासी हैं।
इंसानों को पत्थर मारा जाता
मूरत पत्थर की पूजी जाती है
हम उस देश के वासी हैं।
जिस बेटी के लिये अभियान चलता
वही भ्रूण हत्या करवाती है
हम उस देश के वासी है।
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