असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

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असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

मन हरा होता।

हरा- भरा यदि धरा होता
न चिंता हमें ज़रा होता।

साख - साख मुस्कुराते
पत्तियों का मन हरा होता।

दोस्ती अपनी कायम होती
बातों का गर खरा होता।

सरकार योगी की न होती
तो खेत इतना चरा न होता।

चेताया समय से चीन होता
संकट इतना बरा न होता।

दोहन प्रकृति का न होता जो
ज़र्रा-ज़र्रा इतना जरा न होता।

'दरिया'

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