असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

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असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

पर तुम लौट के मत आना।

 हज़ार परेशानियां दे जाना

पर तुम लौट के मत आना।


गर मुझसे पहले ओ है तो

तुम मेरी जान भी ले जाना

पर तुम लौट के मत आना।


इतना छुपा के कहां रखूं

दिल के अरमान ले जाना

पर तुम लौट के मत आना।


उम्र भर मैं आँशु बहाऊँ

मुझ पे तरस मत खाना

तुम लौट के मत आना।


चंदन, चुनरी, गले लगाना

पायल की छनक भुलाना

पर तुम लौट के मत आना।


ओ सपनों का एक कमरा

जहां था तुझे अकेली आना

तुम उसे भी भूल जाना

पर तुम लौट के मत आना।


मैसेज, कॉल सब कुछ छोड़ो

तुम दर्शन देने भी मत आना

पर तुम लौट के मत आना।


गर चाहो की मैं सुकूं से रहूं

मत यादों के दिये जलाना

पर तुम लौट के मत आना।


जानती हो, अच्छा सुनो का

रिप्लाई मत देकर जाना

अच्छा सुनो,

अब तुम लौट के मत आना।



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