असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

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असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

उदास सिलवटों की तुम्हीं सयन थी मेरी।


 

तुम्हीं आह थी मेरी

तुम्ही चाह थी मेरी

मुस्कुराने की बस

तुम्हीं राह थी मेरी।


तुम्हीं रण थी मेरी

तुम्हीं प्रण थी मेरी

चुम्बन की आखिरी

तुम्हीं छण थी मेरी।


तुम्हीं हया थी मेरी

तुम्हीं दया थी मेरी

मेरे अल्फ़ाज़ों से

तुम्हीं बयां थी मेरी।


तुम्हीं नयन थी मेरी

तुम्हीं चयन थी मेरी

उदास सिलवटों की

तुम्हीं सयन थी मेरी।


तुम्हीं अगन थी मेरी

तुम्हीं लगन थी मेरी

चूमते मेरे माथे की

तुम्हीं सजन थी मेरी।


तुम्हीं जीत थी मेरी

तुम्हीं हार थी मेरी

बहते आँशुओं की

तुम्हीं धार थी मेरी।


तुम्हीं आज थी मेरी

तुम्हीं साज़ थी मेरी

छुपाता फिरूं जिसे

तुम्हीं राज़ थी मेरी।


तुम्हीं सवाल थी मेरी

तुम्हीं हवाल थी मेरी

होते अन्तर्द्वन्द की

तुम्हीं बवाल थी मेरी।


तुम्हीं गीता थी मेरी

तुम्हीं कुरान थी मेरी

बातें शास्त्र की करें

तुम्हीं पुरान थी मेरी।


     "दरिया"


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