वापसी

 

जिम्मेदारियों  के  ऐसे  शिकंजे  में  फंसे

की चूड़ी और कंगन भी हमें रोक न सके।


कमाये  बहुत  टुकड़े  कागजों  के  मगर

चैन - ओ - सुकून  हम  खरीद  न  सके।


दबे पांव बीत गयी  छुट्टियां  दीवाली की

हम नयनों को भी ठीक से सींच न सके।

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