शायरी ।


 

 न कर खुद से इतनी नफरत ए - दरिया

चाँद से  आगे  भी है एक हंसीन दुनिया

तराश  डाल  खुद  को  इस   बेबसी  में

बन जा मुहब्बत- ए- रोशनी का जरिया।      

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