तो कोई बात हो।


में पुकारूं आपको ओर
आप मिलने चले आओ
         तो कोई बात हो।
अधूरे ख्वाब में भी गर
आप मुक्कमल हो जाओ
         तो कोई बात हो।
 सूखी दरिया में दो बूंद
प्यार के डाल जाओ
          तो कोई बात हो।
बेचैन बाहों को भी
कभी पनाह दिलाओ
          तो कोई बात हो।
सिसकती आंखों को भी
कभी इक झलक दिखाओ
          तो कोई बात हो।
जिस्म को चाह कर भी
तुम रूह में उतर जाओ
          तो कोई बात हो।
जवानी का बूढ़ा खत हूँ मैं
तुम पढ़ के मुस्कुराओ
           तो कोई बात हो।
भागता फिरता हूँ तेरे पीछे
कभी तुम भी मुड़ जाओ
            तो कोई बात हो।


 

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