किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

समय से पहले जवान हुयी मैं।

 


समय से पहले जवान हुयी मैं

अपनी गलियों में बदनाम हुयी मैं।

न चल सका पता घर वालों को

अपने मुहल्लों में सयान हयी मैं।

छुप कर ही चली हर नजर से मैं

पर नजरों से ही परेशान हुयी मैं।

लेकर तालीम सदा ही चली में

फिर भी अंधेरों में हैरान हुयी मैं।

पकड़ कर हाथ उस पार चली मैं

रह गयी बस कटी हुयी मयान मैं।

दर्द छलका जब तेरे आगे दरिया

समाज में राजनीतिक बयान हुयी मैं।


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