नाज़ुक दिल है ज्यादा मत दुखाना।


 

भूले   से   भी   जान  भूल  मत  जाना
नाज़ुक  दिल  है  ज्यादा  मत  दुखाना।

आ  गया  हूँ  मैं धनवानों की कतार में
जान  तू  ही  है  मेरा  असली खजाना।

प्यार  तुमसे  है,  बस  यही  था  कहना
आता  नहीं  मुझे  ज्यादा  बातें  बनाना।

चाह  है  मिलने  की  हम  मिलेंगे जरूर
रोक सकेगा  कब  तक  बेरहम जमाना।

ख्वाबों का कोई शहर  होता नहीं दरिया
बस  प्यार  से  प्यार  का  ध्यान लगाना।

आ जाये आँशुओँ  का सैलाब जो कभी
इक बार सनम की आंखों में डूब जाना।

अनजान था इश्क़ की गुमनाम गलियों से
आता  नहीं  मुझे खुद का वज़ूद मिटाना।

बिरह  का  दिन  ऐसा भी होता है दरिया
भूल  गयी  ओ  हाथों  में  मेंहदी लगाना।

जीने  का अंदाज बदल दिया  कोरोना ने
सीख  लिया  हमने  नयनों से मुस्कुराना।

महसूस  करता  हूँ  महफूज़ तेरी बाहों में
न चाहिए इससे बेहतर कोई आशियाना।

जो कह दिया सो कह दिया सोंचना क्या
आता  नहीं  मुझे  बातों  से  मुकर जाना।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।