किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

Happy kiss day.



 अच्छे को अच्छा,  बुरे को बुरा कौन कहेगा

चापलूसी के जहां में अब खरा कौन कहेगा।


हथेली चूम मोहब्बत -ए- इबारत लिखते थे
हवस के दौर में बसंत को हरा कौन कहेगा।

सतरंगी  जीवन  में  मरने  के  तरीके  बहुत हैं
इश्क  में  मरने  को  अब  मरा  कौन  कहेगा।

बदन की भूख में पलने वाले इश्क का  दौर है
माथा चूम के,शब्द ,प्यार से भरा,कौन कहेगा।

दिखावा ने असल दुनिया से बेदख़ल कर दिया
अब  फीके  पकवान  को  सरा  कौन  कहेगा।

थोड़े में लिबास ज्यादा ओढ़ने का रस्म है साहब
अब  ज्यादा  हैसियत  को  ज़रा  कौन  कहेगा।

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