दो घूंट जहर की बस मुझे पिला देना ||

         ग़ज़ल
दो घूंट जहर की बस मुझे पिला देना
जिंदगी-ए–सफ़र की रोशनी मिटा देना
जिंदगी जहन्नुम से बद्तर बना देगी
नफ़रत किसी जिंदगी में मिला देना
दो घूंट ..........................................
हर रिश्ते को मिटाने की ताकत है
बस गलतफ़हमी रिश्तों में सज़ा देना
दो घूंट .........................................
बेंड़ीयां ज़माने की जकड़ नहीं सकती
मोहब्बत किसी की दिल में बसा लेना
दो घूंट ...........................................
                रामानुज ‘दरिया 

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