असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

तड़पी मैं, रात खुद से हुयी।

जब  भी  बात  तुझ  से  हुयी
तड़पी  मैं, रात  खुद  से  हुयी।

जब  भी  घन  धरा  की  हुयी
रोयी  मैं, बारिस  खुद से हुयी।

जब  भी  जवानी  प्रेम में हुयी
रही  मैं, कहानी  खुद  से हुयी।

जब   भी   छुआ   उसने  मुझे
भड़की   मैं, पानी  पानी  हुयी।

जब  भी नयनों में लड़ाई हुयी
जीत  गयी  मैं, हारी हारी हुयी।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।