इश्क ओ है,बेंड़ियों को भी तूर देता है जो।

न चाहते हुये भी कुछ काम कर देता है ओ
ऐसे ही जिंदगी को ताक पर रख देता है ओ।

नशीब की फिराक में रहते हैं अक्सर लोग
साख मेहनत की टांग ताक पर देता है जो।

चाहो तो कभी किसी को टूटकर 'दरिया'
इश्क ओ है,बेंड़ियों को भी तूर देता है जो।




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