मन भरा भरा स लगता है।


 जब से तुम गये हो दरिया

मन भरा भरा स लगता है


अंदर तो रेगिस्तान ही है

बाहर हरा भरा स लगता है।


ऐसा नही की आओगे नहीं

तुम लौट कर ए  दरिया

पर न जाने क्यूं ये मन

अब डरा डरा स लगता है।


"दरिया"

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