किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

कभी तो याद मुझे भी करोगी।

 


कभी तो याद मुझे भी करोगी

देखूंगा फिर कैसे तुम रहोगी।


समझता हूँ कि जान हो मेरी

कभी तो मुझे आप समझोगी


समझोगी जान जिस दिन मुझे

देखूंगा कैसे जान के बगैर रहोगी।


लत तुम्हारी है जो मुझको सनम

आज दर- ब- दर मैं भटकता हूँ


हो जाएगी जिस दिन लत हमारी

देखूंगा जितनी सयंमित रहोगी।


मज़बूर हूँ आज अपने दिल की 

बेवजह सूनसान चाहतों से सनम


एक बार इश्क़ तुम्हे भी हो जाये

देखूंगा कैसे महबूब के बगैर रहोगी।

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