हम खुद से मिलकर आये थे।


 

उम्मीदों  के  साये  मँडराने  लगे

ओ हमें देख कर मुस्कुराने लगे।


हम भी ज़रा ठिठुक गये थे

चलते चलते जब ओ रुक गये


ख़ामोशी से पलकें उठाये थे

हम खुद से मिलकर आये थे।


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