रास्ता खुद बन जायेगा।
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तुम कदम तो बढाओ रास्ता खुद बन जायेगा।
तुम चलना तो सुरु करो
कारवां खुद बन जायेगा।
पथ मिलेंगे तुम्हें पथरीले
और सर्प भी कुछ ज़हरीले
तू सब पर चलकर जाएगा
हौंसल रख रास्ता खुद बन जायेगा।
जो छूट रहे हैं पीछे
उनको छूट जाने दे
जो रूठ रहे हैं तुझसे
उन्हें रूठ जाने दे
लगा निशाना चिड़ियाँ की आंख पर
मंज़िल चल कर आएगा
तुम कदम तो बढाओ
रास्ता खुद बन जायेगा।
छाएंगे घने बादल भी
कड़केंगी बिजलियां भी
ये अंधेरा तुम्हें डरायेगा
उसी में कोई जुगनू तुम्हें
छोटी सी रोशनी दे जाएगा
तुम कदम तो बढाओ
रास्ता खुद बन जायेगा।
परिस्थितियां तड़पेंगी और चिल्लाएंगी
तेरे आगे मजबूरियां बौनी हो जाएंगी
तू सूरज की तरह निकल कर आएगा
तू कदम तो बढ़ा रास्ता खुद बन जाएगा।
वक्त है फैसला लेने का
ये वक्त बार बार न आएगा
चूक गया गर तू आज
जिंदगी भर पछतायेगा
तू कदम तो बढ़ा
रास्ता खुद बन जाएगा।
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किसी का टाइम पास मत बना देना।
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।
तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।
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उनका भी इक ख्वाब हैं।
उनका भी इक ख्वाब हैं ख्वाब कोई देखूं मैं उनसे उन्ही की तरह लच्छेदार बात फेकूं मैं। टिकाया है जिस तरह सर और के कंधे पर चाहती है सर अपना किसी और कांधे टेकूं मैं। शौक था नये नजारों का यूँ तो सदा ही देखि ओ चाहत है उसकी कि कहीं और नयन सेकूं मैं। दिल से उसे निकाल कर बचा हूँ कितना खुद में वक्त मिले गर खुदा, तो खुद को खुद से देखूं मैं। समझदारी प्यार को भी व्यापार बनाती है प्रेम मिले भी अगर शिशु की भांति देखूं मैं। बेशक़ तेरे चाहने वालों की भीड़ बहुत भारी है गर दिल से उतर गयी तो लानत है मेरे व्यक्तित्व पर जो इक बार पलट कर देखूं मैं।
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