असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा

Image
असत्य पर सत्य तो जीत ही जाएगा मगर सत्य में असत्य को कब मिटाओगे  तन का रावण तो जल ही जाएगा मगर मन के रावण को कब तुम जलाओगे। तिनका रक्षा मां की करे कब तलक खुद को राक्षसों से कब तक बचायेंगी  या तो भेजो तुम अपने हनुमान को या बताओ धनुष धारी तुम कब आओगे   

गर आंखें इतनी सैतानी न हों।।


 गर   आंखें   इतनी   सैतानी  न  हों

तो मोहब्बत में इतनी परेशानी न हो।


पिछली अदा से ही सहमा हुआ हूँ मैं

अब और अदा कोई तूफानी न हो।


मद  मस्त  पवन  की  मीठी  फुहार

अब बारिश भी कोई मस्तानी न हो।


दौर-ए- जहां में किस किस से प्यार हुआ

अब  और  कोई  प्रेम  कहानी  न  हो।


या मौला मुकम्मल जिंदगी ऐसी कर

इस पर और किसी की मेहरबानी न हो।


कोई टूट न जाये, कोई रूठ न जाये

अब रिश्तों  में  ऐसी  हैवानी  न  हो।

           "दरिया"

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

उनका भी इक ख्वाब हैं।