नारी के बारे में कुछ भी कह पाना मुस्किल है क्योंकि नारी का जीवन ही अपने आप में अद्भुत है फिर भी एक छोटी सी कोशिस ........................................................................ नारी वही जो नार को सताती है , नारी वही जो जीवन नरक बनाती है | नारी में दुर्गा का वास है , नारी ही विश्वासघात है | नारी इज्ज़त नारी ही सम्मान है , नारी गीता नारी कुरान है | नारी हिन्दू को भी बना देती मुसलमान है || नारी धर्म नारी ही लज्जा है , जिंदगी का श्रंगार नारी साज़ सज्ज़ा है | नारी मानव के लिए भगवान का वरदान है , नारी उलझन नारी ही समाधान है | नारी नरत्व की खान है , नारी पुरुस के समान है | नारी सुबह की पहली किरण है , नारी जिंदगी की महकती शाम है | हर तरफ नारी का नाम है , नारी ही समाज में बदनाम है | नारी जन्म दाता है , नारी भाग्य बिधाता है | नारी अर्चन नारी बंदन , नारी धरा की पहचान है | नारी बिन जीवन सूना समसान है || नारी सृस्टी नारी विनाश है , नारी धरती पर ही नरक वाश है | नारी त्याग नारी तपस्या है , नारी का ही एक रूप वैश्या है | नारी मंथरा,कैके...